Saturday 19 May 2018

सहरसा एयरपोर्ट पर बिमान सेवा में मुश्किल बहुत है।

सहरसा एयरपोर्ट पर विमान सेवा की चर्चा जोरों पर है, पर वर्तमान परिप्रेक्ष्य मे एक बेहतर एयरपोर्ट और बड़े विमानों के परिचालन के बिना हवाई सेवा की बात बेमानी है।
सहरसा की चर्चा के संदर्भ मे बात करने से पहले भागलपुर एयरपोर्ट संबंधित अहम पहलूओं का उल्लेख करना जरूरी होगा।

दरभंगा, भागलपुर, मूगेंर सहित कई एयरपोर्ट उडान के तहत शामिल थे। भागलपुर एयरपोर्ट रनवे के चारों तरफ घनी आबादी बसने के बाद, वहाँ का रनवे और एयरपोर्ट विस्तार लगभग असंभव हो चुका है। जिसका परिणाम भागलपुर को एयरपोर्ट की रेस से बाहर के चुकाना पड़ा।

सहरसा की स्थिति फिलहाल ऐसी है की राज्य और केंद्र के थोड़े से गंभीर पहल से एक बेहतर हवाई अड्डे को कोसी के लिए खड़ा किया जा सकता हैं। फिलहाल मौजूदा स्थिति मे बेहतर तरीकों से हवाई सेवा के लिए जनप्रतिनिधियों की पहल की भी आवश्यकता, अन्यथा शहर के विकास और विस्तार के साथ वो दिन दूर नहीं जब एयरपोर्ट के मामले में सहरसा भागलपुर जैसे हालातों से दो चार हो।

सहरसा से डोमेस्टिक हवाई सेवा के लिए कुछ ऐसा करना होगा। जरूर पढ़े

सहरसा में एयरपोर्ट बनाया जा सकता है । बस सरकार इस तरफ ध्यान दे तो ।सहरसा एयरपोर्ट के आस पास खाली जमीन है जहां से रनवे का विस्तार किया जा सकता है। संसद और स्थानीय नेता एवं लोगो को साथ देना होगा । क्यूंकि सहरसा में जितनी जगह है वैसी भागलपुर में संभावना कम ही है । सहरस एयरपोर्ट का विस्तार कर डोमेस्टिक हवाई सेवा सुरु की जा सकती है ।जमीन खाली है। 
कम से कम इतनी जगह होनी चाहिए जिससे विमान सेवा शुरू की जा सके। नहीं तो 10 वर्षों बाद ऐसे हालात नहीं होंगे शहर के की हवाई सेवा सुरु हो सके। बढ़ती जनसंख्या के कारण आस पास की खाली जगह पर इमारतें ही नजर आएंगी सरकार चाह कर भी जगह का उपयोग नहीं कर पाएगी।

मुंबई ,दिल्ली,चेन्नई के लिए हवाई सेवा के लिए कुछ इस तरह का रनवे का विस्तार करना होगा। जो अभी ही हो सकता है।ऐसी  स्थिति भागलपुर की नहीं है वहा रनवे के किनारे इमारतें बन चुकी है जहां से लंबी दूरी की हवाई सेवा सुरु करना मुश्किल है । सहरसा के विकास के लिए अभी ही कुछ किया जा सकता है।
भागलपुर का रनवे कुछ इस तरह दिखता है।

Friday 11 May 2018

बंगाली बाज़ार रेल ओवरब्रिज काम शुरू नहीं हुआ तो नहीं लड़ेंगे पप्पू यादव लोकसभा चुनाव

सहरसा में संसद ने कहा  है कि कोशी और सीमांचल का संपूर्ण विकास ही उनकी प्राथमिकता है। 2014 का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने लोगो के लिए समर्पित होकर काम किया। गरीब जनता की सेवा करना है अपना कर्तव्य समझा।एक संसद के रूप में सहरसा के विकास के लिए हमेशा सजग रहें । सहरसा बंगाली बाज़ार का मुद्दा लोकसभा में कई  बार उठाया। रेलमंत्री से आश्वन मिलने के बाद भी काम सुरु नही होने पर एनएचएआई कि स्वीकृति लेने के लिए कई बार नितिन गढ़करी से मिले ।हर तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिला कि जल्द काम सुरु होगा। बिहार के मंत्री नन्द किशोर यादव जी ने ट्विटर के माध्यम से कहा था कि फरवरी में टेंडर फाइनल होते ही जून से काम शुरू हो जाएगा । लेकिन इस दिशा में भी कुछ होता नहीं दिख रहा। संसद ने सहरसा में कहा है कि अगला लोकसभा चुनाव नहीं करेंगे मधेपुरा लोकसभा सीट से अगर बंगाली बाज़ार रेल ओवरिब्रिज का काम सुरु नहीं हुआ तो। एक संसद की बात नहीं सुनी जाती तो सहरसा के मुद्दे कैसे दूर होंगे। सहरसा में aiims का मुद्दा शहर तक ही सिमट कर रह गया। मत्स्यगंधा फिर से सुख गई।

Thursday 10 May 2018

30 की रफ्तार से इंजन का ट्रायल किया गया 12000 हॉर्स पावर रेल इंजन का

मधेपुरा रेल इंजन का ट्रायल कल मधेपुरा से सहरसा तक 30 की रफ्तार में किया गया। यह रेल इंजन देश का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन है, जिसका उद्धघाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। इस रेल इंजन का प्रयोग मालगाड़ियों को खींचने में किया जाएगा ताकि सही समय पर अपने गंतव्य पहुंच सके। बाद में इस रेल इंजन का इस्तेमाल यात्री ट्रेन के लिए किया जाएगा। आज फिर 20  के रफ्तार में इस रेल इंजन का ट्रायल सहरसा जं तक किया जाएगा। 10 साल के अंतराल में ऐसे 800 इंजन रेल बनाएगी, जिससे देश की रेल को एक रफ्तार मिल सके ।फ्रांस की कंपनी ने इसका निर्माण किया है।

हमसफर रद्द कर दी गई।लोगो की हुई फजीहत।

हमसफ़र एक्सप्रेस यात्रियों के लिए हाथी का दात बनता दिख रहा है। 21 घंटे की देरी से पहुंची हमसफ़र दिल्ली से । सुबह से ही प्लेटफार्म पर लोग ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे । दोपहर को रेल की वेबसाइट पर कटिहार से रात 10 बजे खुलने की बात की जा रही थी। लेकिन साम होते होते हमसफ़र को रद्द कर दिया गया।
यात्रियों का कहना था कि ट्रेन रद्द ही करनी थी तो बार बार टाइम की बदला क्यूं गया। सुबह 7 बजे से ही दूर से लोग हमसफ़र के इंतजार में जं आ गए थे। लोगो ने कहा कि किसी को दिल्ली डॉक्टर के पास जाना था तो किसी आदमी का ऑफिस में जरूरी काम छुट रहा था। रेलवे की इस रबय्ये से  लोगो को काफी निराशा हुई ।लोगो का कहना था हमसफ़र में दुबारा सफर नहीं करेंगे।

Wednesday 9 May 2018

सहरसा जं के कब आएंगे अच्छे दिन!!!!!!

सहरसा  जं पर प्लेटफार्म निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है।बता दें कि मेगा ब्लॉक दिसंबर 2016 को ही लिया गया ,मार्च 2017 तक हर हाल में सहरसा से गढ़बरुआरी तक ट्रेन चलनी थी। लेकिन इच्छा सक्ति ना होने ने अधिकारियों द्वारा हर वार 6 महीने का एक्सटेंशन लिया गया। रेलवे का कहना है कि राज्य सरकार की बालू नीति के कारण ही सहरसा जं पर प्लेटफार्म निर्माण का कार्य लटक गया है
रेल ओवरब्रिज जो प्लेटफार्म संख्या 3 को 4और 5 से जोड़ेगी। जुलाई तक हर हाल में पूरा कर लेने का दावा किया गया है। राज्य सरकार ने रेलवे की बालू का आदेश जारी कर दिया है ।रेलवे का कहना है कि फुट ओवरब्रिज के पूरा होते ही शेड लगाने का काम सुरु होगा। अगस्त के अंतिम सप्ताह तक इसे पूरा कर हर हाल में ट्रेनों कि प्लेस करने की सूचना है। ताकि ट्रैक पे जो दवाब है। कम हो सके। आउटर पर ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है। जिससे ट्रेन काफी देर हो जाती है।


Tuesday 8 May 2018

सहरसा से सुपौल तक ट्रेन मार्च 2019 तक

संसद रंजीत रंजन ने 8 मई को सुपौल जं का जायजा लिया। रेल कार्यों को देखकर असंतोष ब्यक्त किया। राशि उपलब्ध होने के बाद भी काम में तेजी नहीं आ रही। सहरसा से सुपौल के बीच 5 छोटे बड़े पुल है जिनके निर्माण में कम से कम 6 से 8 महीने का वक्त लग सकता है। बालू और मिट्टी की कमी ने रेल के कार्यों में बाधा पहुंचाई है। एक तरफ जहां बालू की कमी से निर्माण रुका हुआ है वहीं दूसरी तरफ मिट्टी की कमी ने ट्रैक का काम रोक दिया दिया। कोशी रेल महासेतु के भी इस बर्ष चालू होने की उम्मीद कम है पुल संख्या 7 का अप्रोच पथ छतिग्रस्त होने से इसके मरम्मत के काम में देरी लगेगी । 25 दिसंबर 2016 को ही सहरसा से बरुआरि तक आमान परिवर्तन लिया गया था। सिग्नल का काम अधूरा रहने से लाइन चालू नहीं हो सका ।केबल की कमी मुख्य कारण बताया गया है जिसे जल्द दूर करने की कोशिश की जा रही है। संसद ने भटिपाई स्टेशन का दौरा किया तथा ग्रामीणों से बात की ,लोगो ने   ओवरब्रिज बनाने की बात कही। संसद ने कहा कि दिल्ली जाने के बाद रेलमंत्री से मुलाकात करेंगी। राशि मिलने के बाद भी काम में तेजी ना आ पाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

सहरसा एयरपोर्ट पर बिमान सेवा में मुश्किल बहुत है।

सहरसा एयरपोर्ट पर विमान सेवा की चर्चा जोरों पर है, पर वर्तमान परिप्रेक्ष्य मे एक बेहतर एयरपोर्ट और बड़े विमानों के परिचालन के बिना हवाई सेवा...